
चारो तरफ खुशी का मौहोल था ,कही बाजो तो कही ढोलक
का शोर था। चारो तरफ खुशी का …….
बड़े नाजो से पाला तुम मुझे, अपने जीवन की सारी जमापूंजी
कर दी मुझे पर निछावर,
बेटी राज करेंगी, कर दी मेरी विदाई 😒जब कुछ भी ऐसा ना मिला।
देखकर हो दुखी उसने मुझे कहा बस बेटी ये तेरा नसीब था।
चारो तरफ खुशी का मौहोल था………….. 😔
बिल्कुल सही
लिखा है अपने माँ बाप हम बेटियों के नसीब के आगे मजबूर है
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G shi bat h
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अति सुंदर अभिव्यक्ति ,सारिका 🤎
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धन्यवाद
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🙏🏾
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भावनात्मक अभिव्यक्ति |
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